छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली..॥
छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली..॥
छोटी-छोटी बातों पे लड़ने वाली, एक बहन होनी चाहिये..॥
छोटी हो तो अपनी गलती पर, साँरी भईया कहने
वाली..
खुद से ज्यादा हमे प्यार करने वाली एक बहन होनी चाहिये..॥
स्नेह का यह रिश्ता, कितना प्यारा है ना
पुकारे जब भी बहिन तो दौड़ चले आना है
परिवार के लिए जो कि ढ़ेरों खुशियाँ लाता है
भाई बहिन के लिए पावन प्रेम की सौगात है।
सावन की सुगंध बारिश की फुहार;
भाई की उम्मीद बहना का प्यार;
मुबारक हो आपको “”रक्षा-बंधन”” का त्योहार।